बसपा से माया, भाजपा से किरन, सपासे पूर्व अध्यक्ष संध्या सबसे तगड़ी दावेदार
प्राध्यापिका चित्रलेखा सिंह का निर्दल उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरना तय
जौनपुर। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने के साथ ही चुनाव मैदान में कूदने के लिए वर्षों से कमर कसे लोगों की गतिविधियां और बढ़ गई हैं। इसी के साथ यह भी साफ हो गया है कि दूसरी बार नगर की पहली नागरिक कोई महिला बनेगी। आरक्षण उनके मन मुताबिक हुआ है। लगातार तीन बार अध्यक्ष रहे दिनेश टंडन की पत्नी माया टंडन, भाजपा की जिला उपाध्यक्ष किरन श्रीवास्तव, टीडी महिला कालेज की प्रवक्ता चित्रलेखा सिंह की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। वैसे कई और भी प्रत्याशी मैदान में कूदने के लिए तैयार बैठी हैं। चुनाव की तारीख तय होने से पहले ही साफ हो गया है कि कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
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kiran srivastava |
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सूबे में सत्ताधारी दल भाजपा ही नहीं विपक्षी दल भी पूरी ताकत लगाए हुए थे कि नगर पालिका परिषद अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो। इसके लिए वह एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए थे। उनकी मुराद पूरी हो गई। शासन द्वारा गुरुवार की शाम स्थानीय नगर निकायों के अध्यक्ष पद के लिए जारी सूची में ऐसा ही हुआ। इसी के साथ ही चुनावी गतिविधियां और तेज हो गईं। तीन बार से लगातार अध्यक्ष रहे बहुजन समाज पार्टी के नेता दिनेश टंडन अपनी पत्नी माया टंडन को मैदान में उतारने के लिए कमर कस चुके हैं। फिलहाल उनकी दावेदारी को किसी और की चुनौती मिलने से रही। पार्टी में दिनेश टंडन की मजबूत पकड़़ से माया टंडन को बसपा का टिकट मिलना तय माना जा रहा है। भाजपा के टिकट के लिए वैसे तो तमाम दावेदार हैं लेकिन सबसे तगड़ी दावेदारी पार्टी की जिला उपाध्यक्ष किरन श्रीवास्तव की मानी जा रही है। किरन श्रीवास्तव पिछली बार भी मजबूत दावेदार थीं लेकिन महिला आरक्षित न होने से पंकज जायसवाल बाजी मार ले गए थे हालांकि वह चुनावी समर में तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के आदर्श कुमार सेठ अप्रत्याशित रूप से दिनेश टंडन को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरे नंबर पर रहे।
किरन श्रीवास्तव लगभग ढाई दशक से भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं। पार्टी के सभी कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता रहती है। टिकट के लिए उनकी दावेदारी निर्विवाद रूप से सबसे मजबूत मानी जा रही है। सदस्यता अभियान में भी वह अग्रणी रहीं। अब तक वह 4200 से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ चुकी हैं। इनमें लगभग 50 मुसलिम सदस्य भी हैं। संप्रति सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) कार्यालय में लिपिक पद पर कार्यरत उनके पति राकेश कुमार श्रीवास्तव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की जिला इकाई के अध्यक्ष हैं। विभागीय दायित्वों के निष्ठापूर्वक निर्वहन के साथ ही सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रियता के कारण वह अपनी पूरे शहर में अलग पहचान बनाए हुए हैं। इसका अतिरिक्त लाभ किरन श्रीवास्तव को मिलेगा। इसमें रंच मात्र भी संदेह नहीं है। तीसरी प्रमुख दावेदार पिछले चुनाव में किस्मत आजमा चुकीं चित्रलेखा सिंह बिजली विभाग में लिपिक निखिलेश सिंह कर्मचारी नेता की पत्नी और प्राध्यापिका हैं। वह भी चुनाव मैदान में कूदने के लिए पूरी तैयारी किए हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि भाजपा में रहते हुए अध्यक्ष पद सुशोभित कर चुकीं संध्या रानी श्रीवास्तव समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुकीं हैं। उन्हें सपा के टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनके पति डा. कृष्ण कुमार श्रीवास्तव भाजपा के नगर अध्यक्ष रह चुके हैं। इतना तो तय है कि चुनावी महासमर में उतरने वाली उम्मीदवारों के सेनापति की भूमिका में उनके पति ही अहम भूमिका निभाएंगे।
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