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Sunday, 8 October 2017

सुहागिनों ने श्रद्धा से रखा करवा चौथ व्रत


विधि-विधान से पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना की 

जौनपुर। सदा सौभाग्यवती रहने की कामना के साथ रविवार को सुहागिनों ने पूरी श्रद्धा के साथ करवा चौथ का व्रत रखा और सोलह श्रृंगार कर प्रथम पूज्य देवता श्रीगणेश का विधि-विधान से पूजन किया। रात ेमें चलनी की ओट से पति का दीदार कर व्रत का पारण किया।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सुहागन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख कर पति के दीर्घायु और घर-परिवार में सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि  की कामना करती हैं। इस निर्जला व्रत को लेकर महिलाएं दो-तीन दिन पहले से ही पूरे उत्साह के साथ तैयारियों में जुटी हुई थीं। नए वस्त्रों के साथ ही सोलह श्रृंगार के सभी सामानों की दुकानों पर कई दिनों से काफी भीड़-भाड़ दिखाई पड़ रही थी। शनिवार की रात 12 बजे से निर्जला व्रत शुरु कर दिया। सुबह स्नानोपरांत सोलहो श्रृंगार किया। सज-धज कर व्रती महिलाओं ने सामूहिक रूप से मंदिरों और घरों में एकत्र होकर मंगलमूर्ति विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश, भगवान शंकर, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और चंद्रमा की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की। सायंकाल व्रती महिलाओं ने चंद्रोदय होने पर चलनी की ओट से चांद को देख कर पति की आरती उतारी और चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। घर के बड़े-बुजुर्गों के भी पैर छूकर सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद लिया। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के रखने से पति स्वस्थ और दीर्घायु मिलती है। इस व्रत का उल्लेख वामन पुराण में भी मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोपदी के पूछने पर अखंड सौभाग्य और कष्टों के निदान के लिए इस व्रत का विधान बताया था। विद्वतजन के अनुसार इस व्रत पर्व पर चंद्रोदय के समय चतुर्थी तिथि का संयोग अनिवार्य होता है। रविवार को यह सुखद संयोग रहा।

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