सैकड़ों लोगों ने किया रास्ता जाम, एफआईआर के लिए तहरीर का इंतजार
कई थानोंकी पुलिस और दो कंपनी पीएसी तैनात, हमलावर पकड़ से बाहर
नेवढिय़ा (जौनपुर)। शनिवार की रात जानलेवा हमले में बुरी तरह से घायल पूर्व जिला पंचायत सदस्य तौहीद आलम की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। रविवार की देर शाम तक तहरीर न मिलने के कारण मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है। हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गृह गांव भाऊपुर में सैकड़ों लोगों ने रविवार की सुबह रास्ता जाम कर दिया। सांप्रदायिक तनाव की सुगबुगाहट के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। वारदात के 24 घंटे से अधिक समय बाद भी हमलावर पकड़े नहीं जा सके हैं। तौहीद आलम सन 2000 मेें वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैलाश सिंह अटरिया की हत्या में नामजद आरोपी रहे।नेवढिय़ा थाना क्षेत्र के भाऊपुर गांव निवासी जिला पंचायत के पूर्व सदस्य बसपा नेता तौहीद आलम (50) रात में गोपालापुर बाजार में निर्माणाधीन अपने मकान से बाइक से घर लौट रहे थे। गोपालापुर तिराहे पर घात लगाकर पीछा कर रहे बाइक सवार युवकों ने उन पर गोलियां दागीं। दो गोली लगने के बाद वह बाइक सहित गिर गए। हमलावर फरार हो गए। जिला अस्पताल से रेफर किए जाने पर उन्हें ले जाकर बीएचयी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। चर्चा है कि उन पर जानलेवा हमला एक सप्ताह पूर्व हुई छेड़छाड़ के मामले को लेकर किया गया। वारदात के सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए रात में ही भाऊपुर और आस-पास के गांवों में पीएसी के अलावा सर्किल के सभी थानों की पुलिस तैनात कर दी गई थी। रविवार की सुबह घटना से आक्रोशित भाऊपुर गांव के सैकड़ों लोगों ने जमालापुर-बाबतपुर मार्ग पर रास्ता जाम कर दिया। भीड़ हमलावरों को छह घंटे के अंदर गिरफ्तार किए जाने की मांग कर रही थी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मडिय़ाहूं सर्किल के सभी थानों की पुलिस के अलावा मछलीशहर, गौराबादशाहपुर, चंदवक की पुलिस को भी बुला लिया गया। दो कंपनी पीएसी की भी तैनाती कर दी गई। सीओ मडिय़ाहूं राम भवन यादव के समझाने-बुझाने पर भीड़ ने रास्ता जाम समाप्त कर दिया। शाम सात बजे संपर्क किए जाने पर थानाध्यक्ष रामपुर संतोष दीक्षित ने बताया कि तौहीद आलम की हालत अब खतरे से बाहर है। मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलावरों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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