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Sunday, 15 October 2017

टीईटी में 25 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित

कड़ी सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ हुई परीक्षा

दोनों पालियों में 19666 अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा
परीक्षा केंद्रोंसे लौटाने पर अभ्यर्थियोंमें दिखा आक्रोश 

जौनपुर। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) रविवार को दो पालियों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांंतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। करीब 25 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। इसकी वजह यह थी कि वह आवश्यक कागजात लेकर परीक्षा केंद्र पर नहीं पहुंचे थे। इसे लेकर अभ्यर्थियों में खासा आक्रोश देखा गया।
प्रात: 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक पहली पाली की प्राइमरी अध्यापक की पात्रता परीक्षा के लिए पंजीकृत 8620 अभ्यर्थियों के लिए दस परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनमें से 6146 ही अभ्यर्थी सम्मिलित हो सके। 2474 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सके। इसी तरह दूसरी पाली की जूनियर हाईस्कूल स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 17,074 अभ्यर्थियों के लिए जिले में 20 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनमें से 13,520 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। अनुपस्थित अभ्यर्थियों की संख्या 3554 रही। इस तरह से 6028 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सके। सरकारी आंकड़ों में इन अभ्यर्थियों को अनुपस्थित दिखाया गया है। इसे लेकर अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि वह परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए संबंधित परीक्षा केंद्र पर पहुंचे थे। अंकपत्र का प्राविजनल लेकर जाने के बावजूद उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया गया। शहर के टीडी कालेज केंद्र पर परीक्षा में शामिल होने से रोके गए सैकड़ों अभ्यर्थी जेसीज चौराहे पर पहुंचकर रास्ता जाम करना चाहे लेकिन पुलिस ने उन्हें डांट-फटकार कर हटा दिया। मायूस होकर वह जिलाधिकारी से गुहार लगाने पहुंच गए। इन्हीं अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे सिकरारा थाना क्षेत्र के सिकंदरा गांव के अनिल कुमार यादव ने मांग की कि केंद्र की परीक्षा निरस्त की जाए या फिर उन्हें फिर से परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए। उपस्थित होने के बाद भी अनुपस्थित करना उनके साथ अन्याय है। परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने मुकम्मल इंतजाम किए थे। परीक्षा ड्यूटी में लगाए गए सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी लगातार सक्रिय रहे। 

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