--बसपा नेता पूर्व जिपं सदस्य तौहीद आलम कांड---
चार नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज
नेवढिय़ा (जौनपुर)। पूर्व जिला पंचायत सदस्य बसपा नेता तौहीद आलम को गोली मारे जाने की घटना को लेकर भाऊपुर गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। सोमवार को भाऊपुर पुलिस चौकी पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक कर ग्रामीणों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। ग्रामीणों ने रामपुर के थानाध्यक्ष संतोष दीक्षित को 24 घंटे के भीतर हटाने जाने की मांग की है। अल्टीमेटम दिया है कि ऐसा न हुआ तो वे अनशन करेंगे। ग्रामीणों की मांग पर थानाध्यक्ष संतोष दीक्षित को विवेचना से हटा दिया गया है। गांव में एतहियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात है। तहरीर के आधार पर रामपुर थाना पुलिस ने चार नामजद आरोपियोंके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।भाऊपुर गांव निवासी तौहीद आलम (50) रात में गोपालापुर बाजार में निर्माणाधीन अपने मकान से बाइक से घर लौटते समय शनिवार की देर रात बाइक सवार हमलावरों ने गोलियां मारी थीं। उन्हें दो गोलियां लगी थीं। उनका बीएचयू के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। हालत गंभीर लेकिन अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। रविवार की रात रामपुर थाना पुलिस ने तौहीद आलम के दोस्त मोहम्मद कैश की तहरीर पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसमें आरोपी के तौर पर उमाकांत बरनवाल, विवेक कुमार बरनवाल, वैभव बरनवाल एवं बबलू तिवारी नामजद किए गए हैं। घटना को लेकर गांव में सांप्रदायिक तनाव की सुगबुगाहट के मद्देनजर भारी संख्या में पीएसी और पुलिस के जवान तैनात हैं। कई थानेदार भी लगाए गए हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को दोपहर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भाऊपुर पुलिस चौकी पर गांव के मानिंद लोगों की बैठक की। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) आरपी मिश्र ैऔर एएसपी अनिल कुमार पांडेय ने ग्रामीणों से आपसी सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। लोगों से आग्रह किया कि वे किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस पूरी निष्पक्षता के साथ कार्रवाई करेगी। ग्राम प्रधान राशिद अली और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें थानाध्यक्ष रामपुर की विवेचना पर भरोसा नहीं है। सीओ मडिय़ाहूं राम भवन यादव ने कहा कि थानाध्यक्ष रामपुर को विवेचना से हटा दिया जाएगा। इतने से ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने थानाध्यक्ष रामपुर को तुरंत हटाए जाने की मांग की। कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर उन्हें थाने से हटाया नहीं गया तो वे अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होंगे। बैठक में एसडीएम मडिय़ाहूं अयोध्या प्रसाद और थानाध्यक्ष नेवढिय़ा रुद्रभान पांडेय भी मौजूद रहे।
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