आरोपी ने पीडि़ता से संबंध होने व बेटे का बाप होने से किया इंकार
जौनपुर। शहर कोतवाली क्षेत्र की दुष्कर्म पीडि़ता ने खुद के जन्मे बच्चे और आरोपी का डीएनए टेस्ट कराने की मांग अदालत से की है। आरोपी के अदालत में पीडि़ता से किसी तरह का संबंध होने और बच्चे का पिता होने से इनकार करने के बाद पीडि़ता ने यह मांग की है।कोतवाली क्षेत्र की एक विवाहिता ने न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। महिला की मुताबिक उसकी शादी सन 2016 में आकाश के साथ हुई थी। ससुरालवालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। तब वह अपनी बहन के घर रहने लगी थी। उसका कहना है कि आरोपी महेश का उसकी बहन के घर आना-जाना था। उसने पीडि़ता से कहा कि वह उसके पति से उसका सुलह-समझौता करा कर उसका घर फिर से बसा देगा। वह उसके झांसे में आ गई। समझौता कराने के बहाने महेश उसे 13 मई 2016 को मुंबई ले गया। कहा कि तुम्हारा पति तुम्हें छोड़ चुका है। मैं तुमसे शादी कर लूंगा। शादी का वादा करके वह उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। बार-बार जबरन दुष्कर्म किए जाने से वह गर्भवती हो गई। जब उसने शादी करने को कहा तो महेश मुकर गया और उसे जान से मार डालने की धमकी देने लगा। किसी तरह वह जान बचा कर मुंबई से भाग कर बहन के घर आ गई। 10 मार्च 2017 को उसे बच्चा पैदा हुआ। तब उसने कोतवाली में तहरीर देकर महेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के दौरान आरोपी महेश ने अदालत में पेश होकर पीडि़ता को पहचानने तथा बच्चे का पिता होने से इनकार किया। इस पर पीडि़ता ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आग्रह किया है कि बच्चे और दुष्कर्म के आरोपी की डीएनए टेस्ट कराया जाए ताकि साफ हो सके कि उसके बच्चे का जैविक पिता कौन है।
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