जूनियर हाईस्कूल पाली के चार अध्यापकों का रोका वेतन
जौनपुर। जिलाधिकारी के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान शनिवार को शिक्षा की बुनियाद यानी प्राथमिक शिक्षा की कलई खुल गई। एक विद्यालय के बच्चे किताब तक नहीं पढ़ सके। जिलाधिकारी ने प्रधानाध्यापक और तीन सहायक अध्यापकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का आदेश दिया। इस कार्रवाई से परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों में खलबली मच गई है।
जिलाधिकारी डा. सर्वज्ञ राम मिश्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह को साथ लेकर सबसे पहले सिरकोनी विकास खंड में अभिनव प्राथमिक विद्यालय गहोरा का आकस्मिक निरीक्षण किया। शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के लिए जिलाधिकारी ने बच्चों से सवाल पूछे। विद्यालय में 181 छात्र पंजीकृत हैं जिसमें से 161 उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक निशा सिंह, सहायक अध्यापक मीरा यादव, कमला, विमला उपस्थित रहीं। जिलाधिकारी ने शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार करने के निर्देश दिये तथा अभिभावकों के साथ बैठक कर बच्चों की शिक्षा के बारे में जानकारी रखने पर जोर दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को वितरित करने के लिए जूते आ गए हैं। अभी मोजे नहीं आए हैं। बैग का वितरण किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने विद्यालय में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) बनाने वाली रसोइयां से भी पूछताछ की। इस अवसर पर खण्ड शिक्षाधिकारी सिरकोनी राजेश उपस्थित थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने मडिय़ाहूं विकास खंड के जूनियर हाईस्कूल पाली का औचक निरीक्षण किया। वहां तीन कक्षाओं में पंजीकृत 40 में से 11 ही बच्चे मौजूद थे, जिन्हें सहायक अध्यापिका श्रीमती मीरा रजक एक ही कक्ष में बैठा कर पढ़ाती मिलीं। शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न कोटि का मिला। जिलाधिकारी के कहने पर पुस्तक तक नहीं पढ़ सके। सामान्य ज्ञान भी नहीं था। जिलाधिकारी ने कड़े तेवर दिखाते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक विजय शंकर, सहायक अध्यापकों गिरजा शंकर पटेल, श्रीमती मीरा रजक और प्रदीप कुमार सिंह का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया। अध्यापकों ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए महीने भर की मोहलत मांगी। इस पर जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह पैनल बना कर एक माह बाद शिक्षा के स्तर की जांच कराएं। रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई करें।
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