भाजपा प्रत्याशी किरन श्रीवास्व के समर्थकों का दावा, बाहरी बताने पर बिफरे
जौनपुर। स्थानीय नगर निकाय चुनाव के मतदान को बस चार दिन बाकी रह गये हैं। इसी के साथ ही उम्मीदवार प्रतिद्वन्दी पर बढ़त बनाने के लिए हर हथकण्डे अपनाने लगे हैं। दलगत नीतियों पर शुरू हुआ प्रहार व्यक्तिगत स्तर तक आ गया है।
नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष पद की भाजपा उम्मीदवार किरन श्रीवास्तव की लोकप्रियता से बौखलाए जनाधार खो चुकी एक राष्टï्रीय दल के समर्थक ओछी मानसिकता का प्रदर्शन करने लगे हैं। उक्त पार्टी की प्रत्याशी के पक्ष में होने वाली नुक्कड़ सभाओं में मंच से किरन श्रीवास्तव को आजमगढ़ की बहू सम्बोधित करते हुए बाहरी बताने का प्रयास किया जा रहा है। जवाब में किरन श्रीवास्तव के समर्थन उनके बौद्घिक स्तर पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जौनपुर की बेटी किरन श्रीवास्तव के सब पर भारी पडऩे से हताष निराश होकर प्रतिद्वन्दी खेमा ऐसी बातें कर रहा है। वे कहते हैं कि किरन श्रीवास्तव का पुश्तैनी गांव खुटहन, विकास खण्ड में आने वाला रानीपुर है। शहर के ईशापुर मोहल्ला स्थित पैतृक आवास में रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा (स्नातकोत्तर उपाधि) ग्रहण की। शहर के ही नखास मोहल्ला में उनकी ननिहाल है। उनके मामा जयंत्री प्रसाद सरकारी वकील रहे हैं। जनता को बरगलाने का प्रतिद्वद्वियों का मंसूबा कभी सफल नहीं होगा।
जौनपुर। स्थानीय नगर निकाय चुनाव के मतदान को बस चार दिन बाकी रह गये हैं। इसी के साथ ही उम्मीदवार प्रतिद्वन्दी पर बढ़त बनाने के लिए हर हथकण्डे अपनाने लगे हैं। दलगत नीतियों पर शुरू हुआ प्रहार व्यक्तिगत स्तर तक आ गया है।
नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष पद की भाजपा उम्मीदवार किरन श्रीवास्तव की लोकप्रियता से बौखलाए जनाधार खो चुकी एक राष्टï्रीय दल के समर्थक ओछी मानसिकता का प्रदर्शन करने लगे हैं। उक्त पार्टी की प्रत्याशी के पक्ष में होने वाली नुक्कड़ सभाओं में मंच से किरन श्रीवास्तव को आजमगढ़ की बहू सम्बोधित करते हुए बाहरी बताने का प्रयास किया जा रहा है। जवाब में किरन श्रीवास्तव के समर्थन उनके बौद्घिक स्तर पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जौनपुर की बेटी किरन श्रीवास्तव के सब पर भारी पडऩे से हताष निराश होकर प्रतिद्वन्दी खेमा ऐसी बातें कर रहा है। वे कहते हैं कि किरन श्रीवास्तव का पुश्तैनी गांव खुटहन, विकास खण्ड में आने वाला रानीपुर है। शहर के ईशापुर मोहल्ला स्थित पैतृक आवास में रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा (स्नातकोत्तर उपाधि) ग्रहण की। शहर के ही नखास मोहल्ला में उनकी ननिहाल है। उनके मामा जयंत्री प्रसाद सरकारी वकील रहे हैं। जनता को बरगलाने का प्रतिद्वद्वियों का मंसूबा कभी सफल नहीं होगा।
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