चुनावके मद्देनजर जिला निर्वाचन अधिकारीने दिये अहम निर्देश
जौनपुर। जिला मजिस्टे्रट सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग उ.प्र नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2017 आदर्श आचार संहिता में बताया कि सरकारी वाहनों आदि सहित किसी परिवहन का प्रयोग, किसी दल या किसी उम्मीदवार के हित को बढ़ावा देने के लिए नही किया जाएगा। केन्द्र या राज्य के कोई भी मंत्री, निर्वाचन से सम्बन्धित किसी भी अधिकारी को कही भी किसी सरकारी विचार-विमर्श के लिए नहीं बुला सकते हैं।
मंत्री सरकारी कार्य हेतु अपने सरकारी आवास से कार्यालय तक ही आने जाने के लिए अपने सरकारी वाहनों का प्रयोग करने के हकदार होंगे। मुख्यमंत्री या मंत्री सहित कोई भी राजनैतिक व्यक्ति नगरीय निकाय के निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित ऐसे समारोह, जिसमें सरकारी धन का प्रयोग हो, से सम्मिलित नहीं हो सकते हैं। मंत्री और अन्य प्राधिकारी आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिनांक से विवेकाधीन निधियों से कोई अनुदान स्वीकृत नहीं कर सकते हैं। किसी नगरीय निकाय क्षेत्र में कोई मंत्री या अन्य कोई प्राधिकारी, किसी रुप में किसी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकते हैं और न ही वे किसी प्रकार की परियोजना या योजना का शिलान्यास कर सकते है। चालू योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त करने के लिए कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा, पूजा स्थलों जैसे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन में प्रचार तथा निर्वाचन सम्बन्धी अन्य कार्यों हेतु नहीं किया जाएगा। मत प्राप्त करने के लिए जाति या साम्प्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी। सभी राजनीतिक दल/उम्मीदवार ऐसे कार्यो से अलग रहेंगे जो निर्वाचन विधि के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण/अपराध माने गये है, जैसे-किसी चुनावी सभा में गड़बड़ी करना या करवाना, मतदाता को डरा धमकाकर या आतंकित करके अपने पक्ष में मत देने के लिए प्रभावित करना, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव की प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार का मादक द्रव्य बांटना आदि प्रतिबन्धित रहेगा।
जौनपुर। जिला मजिस्टे्रट सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग उ.प्र नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2017 आदर्श आचार संहिता में बताया कि सरकारी वाहनों आदि सहित किसी परिवहन का प्रयोग, किसी दल या किसी उम्मीदवार के हित को बढ़ावा देने के लिए नही किया जाएगा। केन्द्र या राज्य के कोई भी मंत्री, निर्वाचन से सम्बन्धित किसी भी अधिकारी को कही भी किसी सरकारी विचार-विमर्श के लिए नहीं बुला सकते हैं।
मंत्री सरकारी कार्य हेतु अपने सरकारी आवास से कार्यालय तक ही आने जाने के लिए अपने सरकारी वाहनों का प्रयोग करने के हकदार होंगे। मुख्यमंत्री या मंत्री सहित कोई भी राजनैतिक व्यक्ति नगरीय निकाय के निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित ऐसे समारोह, जिसमें सरकारी धन का प्रयोग हो, से सम्मिलित नहीं हो सकते हैं। मंत्री और अन्य प्राधिकारी आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिनांक से विवेकाधीन निधियों से कोई अनुदान स्वीकृत नहीं कर सकते हैं। किसी नगरीय निकाय क्षेत्र में कोई मंत्री या अन्य कोई प्राधिकारी, किसी रुप में किसी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकते हैं और न ही वे किसी प्रकार की परियोजना या योजना का शिलान्यास कर सकते है। चालू योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त करने के लिए कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा, पूजा स्थलों जैसे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन में प्रचार तथा निर्वाचन सम्बन्धी अन्य कार्यों हेतु नहीं किया जाएगा। मत प्राप्त करने के लिए जाति या साम्प्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी। सभी राजनीतिक दल/उम्मीदवार ऐसे कार्यो से अलग रहेंगे जो निर्वाचन विधि के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण/अपराध माने गये है, जैसे-किसी चुनावी सभा में गड़बड़ी करना या करवाना, मतदाता को डरा धमकाकर या आतंकित करके अपने पक्ष में मत देने के लिए प्रभावित करना, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव की प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार का मादक द्रव्य बांटना आदि प्रतिबन्धित रहेगा।
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