घरेलू विवादमें फावड़ेसे मार करकी थी हत्या
जौनपुर। मछलीशहर थाना क्षेत्र में पांच वर्ष पूर्व मामूली विवाद में फावड़े से वार कर पिता मुनीर अहमद की गैर इरादतन हत्या करने के मामले में आरोपी पुत्र को दोषी करार देते हुए स्पेशल जज (ईसी एक्ट) अशोक कुमार की अदालत ने दस वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन कथानक के अनुसार मछलीशहर थाना क्षेत्र के मुजारपुर गांव निवासी मुकीम अहमद उर्फ शानू पुत्र स्व. मुनीर अहमद ने थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 19 जुलाई 2012 को बारह बजे दिन में उसके भाई वकीम अहमद उर्फ शेरू ने मामूली विवाद को लेकर घर के अंदर पिता मुनीर अहमद के उपर फावड़े से प्रहार कर दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। ईलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाते समय उसी दिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव व राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कुल छ: गवाह परीक्षित कराया। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस व तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात आरोपी मोहम्मद वकीम अहमद को गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 304 के अन्तर्गत उक्त दंड से दंडित किया।
जौनपुर। मछलीशहर थाना क्षेत्र में पांच वर्ष पूर्व मामूली विवाद में फावड़े से वार कर पिता मुनीर अहमद की गैर इरादतन हत्या करने के मामले में आरोपी पुत्र को दोषी करार देते हुए स्पेशल जज (ईसी एक्ट) अशोक कुमार की अदालत ने दस वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन कथानक के अनुसार मछलीशहर थाना क्षेत्र के मुजारपुर गांव निवासी मुकीम अहमद उर्फ शानू पुत्र स्व. मुनीर अहमद ने थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 19 जुलाई 2012 को बारह बजे दिन में उसके भाई वकीम अहमद उर्फ शेरू ने मामूली विवाद को लेकर घर के अंदर पिता मुनीर अहमद के उपर फावड़े से प्रहार कर दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। ईलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाते समय उसी दिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव व राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कुल छ: गवाह परीक्षित कराया। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस व तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात आरोपी मोहम्मद वकीम अहमद को गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 304 के अन्तर्गत उक्त दंड से दंडित किया।
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