पूर्वांचल विश्वविद्यालयके पर्यावरण विज्ञान विभागमें हुआ कार्यक्रमका आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा फोटो केमिकल स्मॉग के विभिन्न आयामों पर मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने उत्तर भारत में छाई धुंध स्माग के कारण, निवारण एवं बचाव पर अपने विचार रखे।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षक डा. राजेश शर्मा ने कहा कि आज के दौर में हमें मूलभूत आवश्यकताओं को सीमित करने की जरूरत है। इन दिनों छाई धुंध से मानव के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। जिससे कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। माइक्रोबायोलाजी के शिक्षक डाक्टर एससी तिवारी ने कहा कि यह एक चिंतनीय पर्यावरण का विषय है। जिसका निस्तारण मानव अपने दैनिक क्रियाकलापों में बदलाव करके कर सकता है। इस स्माग पर नियंत्रण के लिए सरकार को पर्यावरण सुरक्षा के लिए नई नीति बनानी होगी। फार्मेसी विभाग के शिक्षक सुरेंद्र सिंह ने स्माग के कारण मानव शरीर पर पडऩे वाले प्रभाव और उपचार के बारे में बताया। पर्यावरण विज्ञान विभाग के शिक्षक डाक्टर सुधीर उपाध्याय ने स्माग बनने के वैज्ञानिक एवं भौगोलिक कारणों पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे अशोक के पेड़, नदियों के किनारे वेटलैंड सिस्टम को विकसित करने की जरूरत है। डा. विवेक पांडे ने कहा कि उद्योगों से निकलनी वाली जहरीली गैस को कम करने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने पड़ेंगे। डा. अवध बिहारी सिंह ने कहा कि ऐसे क्षेत्र में लोग भी पीडि़त हैं जिनका इसके उत्पादन में कोई दोष नहीं है यह दुखद है। मंथन कार्यक्रम का संचालन डाक्टर कार्तिकेय शुक्ला ने किया। विषय प्रवर्तन डा. मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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