निकला ७२ ताबूत का जुलूस, अंजुमनों ने किया नौहा मातम

इसी क्रम में नगर के मोहल्ला मीरमस्त में मोहम्मद मेंहदी लड्डन के आवास स्थित इमाम बारगाह से 17 सफर का कदीम जुलूस निकाला गया। जुलूस नवाब युसूफ रोड, उर्दू बाजार होते हुए कंचन बीबी के इमाम बारगाह में समाप्त हुआ। इससे पूर्व मजलिस का आगाज मोहम्मद मुस्लिम मरहूम के हमनवा ने सोजख्वानी से किया। पेशख्वानी नजमी, मेंहदी शिराजी ने किया। दिल्ली से आये मौ. नजर मोहम्मद जैनबी ने मजलिस को खेताब करते हुए कहा कि करबला में इमाम हुसैन के छोटे भाई हजरत अब्बास ने अपनी भतीजी जनाबे सकीना की प्यास बुझाने के लिए नहरे फरात पर कब्जा कर भतीजी को पानी पिलाने के लिए रवाना हुए यजीदी फौजो ने उन्हें घेर कर शहीद कर दिया। पूरी दुनिया में हजरत अब्बास जैसा भाई कोई पैदा नहीं हुआ। जुलूस में अंजुमन हुसैनियां, कौसरिया, सज्जादिया, जाफरिया, जाफरी, हैदरी, शम्मे हुसैनी नौहा मातम करती हुई जुलूस को लेकर मीरमस्त, नवाब यूसुफ रोड होते हुए इमाम बारगाह कंचन बीबी पहुंची। यहां भी एक तकरीर हुई, जिसके बाद शबीहे तुरबत को अलम मुबारक से मिलाया गया। इस मौके पर ताबिश, मीसम अली, अजमी मेंहदी, मालिक, डा. इंतेजार मेहदी, पूर्व सभासद शाहिद मेहदी मौजूद रहे। वहीं देर रात मुफ्ती मोहल्ला स्थित मुफ्ती हाउस में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसे दिल्ली से आये मौ. नजर मोहम्मद जैनबी ने खिताब किया। मजलिस के बाद अंजुमन जुल्फेकारिया ने नौहाख्वानी और जंजीर का मातम किया। जिसके बाद जुलजनाह व ताबूत बरामद किया गया।
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