सर्वेश्वरी महाविद्यालय कमरूद्दीनपुर में परिचर्चा का आयोजन
रामपुर (जौनपुर)। शिक्षाविद् और मानवाधिकार जन निगरानी समिति की प्रधान न्यासी डा. श्रुति नागवंशी ने कहा लैंगिक भेदभाव के चलते खान-पान और स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभाव का असर न केवल व्यक्ति पर पड़ता है बल्कि उससे समाज का विकास भी अवरुद्ध होता है। किशोरावस्था उम्र का वह पड़ाव है जहां न तो बचपना रह जाता है और न ही वैचारिक परिपक्वता आती है। ऐसे में किशोरावस्था को समझाना और सँभालना बहुत मुश्किल भरा काम है। इसमें जरा सी भी चूक किसी भी अप्रिय नतीजे तो जन्म देने के लिए काफी होती है। वह गुरुवार को सर्वेश्वरी महाविद्यालय कमरुद्दीनपुर में किशोरावस्था: स्वास्थ्य एवं पोषण विषयक परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं।

इस अवसर पर सहेली बुक बैंक द्वारा डीएलएड के विद्यार्थियों को एक सेमेस्टर की किताब पूरे सत्र के लिए वितरित की गई। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी मंजू सिंह ने स्वयंसेवकों को संकल्प दिलाया कि वे आस-पास के गांवों कमरूद्दीनपुुर, कठवतिया और धनंजयपुर ग्राम सभा में किशोरियों को स्वास्थ्य एवं पोषण की समस्या पर जागरुक करेंगी। संचालन प्रिया सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन गृह विभाग की प्रवक्ता सुनीता सिंह ने किया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती और बाबा गुरुपद संभव राम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। छात्राओं ने गणेश वंदना, स्वागत गीत एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
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