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Saturday, 18 November 2017

डिग्री कालेजों के लिए नैक मूल्यांकन आवश्यक: प्रो. राजाराम यादव



नैक मूल्यांकन आवश्यकता एवं उपयोगिता विषयक एक दिवसीय कार्यशालाका आयोजन
 
   जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा शनिवार को संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन आवश्यकता एवं उपयोगिता विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अपने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा. राजाराम यादव ने कहा कि महाविद्यालयों के लिए नैक मूल्यांकन जरुरी है। इससे सुधार की प्रेरणा मिलती है और हम अपनी कमियों को दूर करके नई ऊर्जा के साथ तैयारी करते हैं।
महाविद्यालयों को इससे डरने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन से संस्थान की प्रतिष्ठा भी बढ़ती है और इसमें काम करने वालों का मनोबल बढ़ता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. केके तिवारी ने कहा कि नैक कराने के लिए महाविद्यालय के भौतिक संसाधनों की अपग्रेडिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह सतत प्रक्रिया है। इसी का आकलन नैक मूल्यांकन में होता है। महाविद्यालय शिक्षक शिक्षण के लिए परंपरागत ढंग से जगह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें। साथ ही रिसर्च को महत्व देने की भी जरूरत है। उनका मानना है कि शिक्षक की क्लास का काम घर से ही शुरू हो जाता है। वह प्लान करके चलता है कि क्लास में कैसे और किस डिवाइस से क्या पढ़ाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की जवाबदेही समाज के प्रति है, इसलिए उसे जागरुक रहने की जरूरत है। स्वागत सयोंजक डा. मानस पांडे ने कार्यशाला के विषय पर प्रकाश डाला। डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. राजेश शर्मा ने नैक की तैयारी कैसे करें विषय पर अपनी बात रखी। महाविद्यालयों से आये शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।  नैक कराने वाले महाविद्यालयों के प्राचार्यों/आईक्यूएसी संयोजकों को विश्वविद्यालय के कुलपति ने सम्मानित किया। जिसमें प्राचार्य डा. विनोद सिंह, डा. रमेश मणि त्रिपाठी, डा. विजय प्रताप तिवारी, डा. अरुण कुमार, डा. चंद्र वर्मा, डा. भूपेंद्र श्रीवस्तव रहे। कार्यक्रम का संचालन सह संयोजक डा. राजेश शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन डा. धर्मेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. अजय प्रताप सिंह, डा. कौशलेन्द्र विक्रम मिश्र, डा. डीपी सिंह, डा. वीडी शर्मा, डा. अरुण कुमार, डा. विवेक पांडेय, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा. राम आसरे शर्मा, डा. नीलेश कुमार पांडेय, डा. प्रवीण कुमार, डा. राम जी पाठक समेत तमाम शिक्षक मौजूद रहे।

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