पूर्व जिपं सदस्य तौहीद आलम हत्याकांड
नेवढिय़ा (जौनपुर)। वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक दीपक रतन गुरुवार को सायंकाल भाऊपुर पुलिस चौकी पर पहुंचे। वह बसपा नेता पूर्व जिला पंचायत सदस्य तौहीद आलम की गोली मार कर हत्या किए जाने की घटना को लेकर तनावपूर्ण स्थिति का जायजा लेने और मातहतों को आवश्यक निर्देश देने आए थे। उन्होंने भाऊपुर गांव के प्रधान से बातचीत की और संबंधित पक्षों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
तौहीद आलम कांड को लेकर सांप्रदायिक तनाव के सुगबुगाहट को देखते हुए प्रशासन विशेष चौकसी बरत रहा है। भाऊपुर गांव और गोपालापुर बाजार में अब भी पुलिस और पीएससी के सशस्त्र जवान तैनात हैं। पुलिस महानिरीक्षक दीपक रतन सायंकाल करीब पांच बजे भाऊपुर पुलिस चौकी पर पहुंचे। उन्होंने भाऊपुर गांव के प्रधान राशिद अली को चौकी पर बुलवाया। उनसे एकांत में वार्ता की। समझा जाता है कि उन्होंने ग्राम प्रधान को दोनों पक्षों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने स्तर से प्रयास करने को कहा। उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की। खबर लगने पर चौकी पर पहुंचे पत्रकारों को पुलिस महानिरीक्षक ने वार्ता करने से टाल दिया और चले गए। इस मौके पर मडिय़ाहूं के पुलिस उपाधीक्षक राम भवन यादव, थानाध्यक्ष रामपुर पंकज पांडेय, क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम के प्रभारी विश्वनाथ यादव भी मौजूद थे। मालूम हो कि पिछले महीने भाऊपुर गांव निवासी तौहीद आलम को बाइक सवार बदमाशों ने गोपालापुर बाजार के पास उस समय गोलियां मार दी थीं जब वह गोपालापुर बाजार से घर लौट रहे थे। बुरी तरह से घायल तौहीद आलम को वाराणसी में भर्ती कराया गया था। हालत नाजुक होने पर डाक्टरों की सलाह पर परिजन ने एयर एंबुलेंस से ले जाकर दिल्ली में प्राइवेट हास्पिटल में भर्ती कराया था। वहां घटना के 11 दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था। अंदेशा जताया जा रहा है कि छेड़छाड़ की एक घटना को लेकर हुई मारपीट की रंजिश को लेकर उनकी हत्या की गई।
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