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Monday, 4 December 2017

अयोध्या विवाद में न्यायालय का फैसला ही सर्वमान्य


सूबे के काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा 
   जौनपुर। प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा अयोध्या विवाद में कोर्ट का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। अदालत से ऊपर कोई नहीं है। शहर में एक  होटल का उद्घाटन करने आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के अयोध्या में राम मंदिर बनाये जाने के बयान के सवाल कही।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। एक समय वह था जब स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खुले मंच से कहा था कि विकास कार्य के लिए भेजे जाने वाले एक रुपये में से दस पैसा ही गांवों तक पहुंचता है। जबकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच से कहते ही नहीं इस पर अमल भी करवा रहे हैं कि विकास के लिए भेजा जाने वाला एक-एक पाई गांव तक पहुंचना चाहिए। यह भ्रष्टाचार खत्म करने की नई पहल है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी द्वारा स्थानीय नगर निकाय चुनाव के परिणाम पर ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल खड़ा करने को बहुत ही हास्यास्पद करार दिया। कहा कि ईवीएम से ही हुए विधान सभा चुनाव में 2007 में बसपा और 2012 में समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। तब न तो बसपा और न ही सपा ने ईवीएम में गड़बड़ी होने की बात उठाई थी। फिर आज कहां से गड़बड़ी हो गई? विधान सभा चुनाव-2017 के चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद ईवीएम में सेटिंग हो गई क्या? उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर हो जाता है कि इन पार्टियों का न तो जनादेश पर भरोसा है और न ही चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था में। एक बार फिर ईवीएम पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करने पर पलटवार करते हुए कहा कि 2007 विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीन द्वारा चुनाव कराया गया। इस चुनाव में बसपा की सरकार बनी थी। उस समय मायावती ने ईवीएम को सही ठहराते हुए स्वागत किया था। उसके बाद 2012 विधानसभा चुनाव इसी मशीन द्वारा हुआ था। इस चुनाव में सपा भारी बहुमत से सरकार बनायी थी। तब न सपा न बसपा ने मशीन को खराब नही बताया। लेकिन 2017 चुनाव में भाजपा की प्रचण्ड बहुमत से सरकार बनी तो मशीन खराब। सपा व बसपा अपने हार जिम्मेदारी न लेते हुए ईवीएम मशीन को खराब बता रहे है। ये दोनो पार्टियों जनादेश पर भरोषा नही कर रही है न ही चुनाव आयोग जैसे सवैधानिक संस्था पर आस्था है।

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