आत्मा योजना के उप निदेशक की किसानों को सलाह
जौनपुर। गेहूँ की उन्नत तकनीक अपना कर ही किसान अच्छी और लाभदायक उपज प्राप्त कर सकते हैं। खेत की अच्छी तैयारी, समयानुसार प्रमाणित बीज का चयन, बीज शोघन, मृदा परीक्षण के आधार पर सन्तुलित पोषक तत्व प्रबंधन, लाइनों में समय से बुआई, खरपतवार नियंत्रण, समुचित सिंचाई प्रबंधन और एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन द्वारा फसल सुरक्षा, कटाई एवं मड़ाई प्रबंधन जरूरी है।
उप परियोजना निदेशक (आत्मा) रमेश चंद्र यादव ने किसानों को उक्त सुझाव देते हुए बताया है कि विलम्ब से बुआई का कार्य इसी महीने पूर्ण कर लें तथा बीज की मात्रा 25 प्रतिशत बढ़ा कर पर्याप्त नमी में शिडड्रिल / जीरोटिल मशीनों से लाइन में शीध्र पूरी कर लें। विलम्ब से बुआई हेतु डीबीडब्लू 16, एच0 डी0 3059, राज-3077, हलना, उन्नत हलना प्रजातियों की बुआई बीज शोघन ढाई ग्राम थीरम एवं 2 ग्राम कारबेंडाज़ीम प्रति किग्रा0 बीज की दर से करके बुआई करने पर अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
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