रचना विशेष विद्यालय में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
जौनपुर। पाठ्यक्रम में भारतीय मूल्य और दर्शन के साथ-साथ समय और समाज को दृष्टिगत रखते हुए परिवर्तन होना चाहिए। जिससे वह अधिक प्रासंगिक हो सके तथा अधिक से अधिक लोगों तक उसका लाभ सुनिश्चित किया जा सके। उक्त विचार रचना विशेष विद्यालय में राष्ट्रीय बहुविकलांग व्यक्ति अधिकारिता संस्थान चेन्नई द्वारा आयोजित 'सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रमÓ (सीआरई) के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तिम दिन सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि तिलकधारी महाविद्यालय के बीएड विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. अजय कुमार दुबे ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम के समन्वयक डा. संतोष कुमार सिंह ने कहा कि पाठ्यक्रम शिक्षक का सबसे बड़ा हथियार होता है। पाठ्यक्रम शिक्षार्थी के विद्यालयी जीवन के साथ-साथ उसके व्यवहारिक जीवन में भी लाभ देता है। प्रवक्ता पूनम श्रीवास्तव ने कहा कि पाठ्यक्रम बच्चों के विकास के लिए एक सहायक प्रक्रिया होती है। शिक्षक पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास करता है। विद्यालय के अन्य प्रवक्ताओं नितेश सिंह व धर्मेन्द्र कुमार ने भी व्याख्यान दिया। इसके पूर्व नसीम अख्तर ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार गुप्ता ने किया। अन्त में प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्मिलित हुए कई जिलों से आये हुए प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि ने प्रमाण पत्र वितरित किया। इस मौके पर विद्यालय के सभी प्रवक्तागण मौजूद रहे।
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