झुलसने से फैक्ट्री मालिकके दूसरे बेटेकी हालत नाजुक
नौपेड़वां बाजार में बिजली के शार्ट सर्किट हुआ हादसा
बख्शा (जौनपुर)। थाना क्षेत्र के नौपेड़वा बाजार में शुुक्रवार को अपराह्न पटाखा विक्रेता और निर्माता के घर में अगलगी में उसके एक बेटे की मौत हो गई जबकि दूसरा बुरी तरह से झुलस कर जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है। उसकी दो बेटियों को घर में निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने बचा लिया। शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
उक्त बाजार निवासी मोहम्मद शरीफ का पटाखा बनाने और बेचने का लाइसेंस है। शरीफ अपनी बीवी के साथ सवेरे पड़ोसी जिले प्रतापगढ़ में रिश्तेदारी में शादी समारोह में शरीक होने चला गया। घर पर उसके दो बेटे आशिक (22), आरिफ (12) और बेटियां सोनी (18) तथा तनु (15) थीं। घर के दूसरे तल पर मजदूर निर्माण कार्य में लगे थे। अपराह्न करीब तीन बजे बिजली के शार्ट सर्किट से निकली चिनगारी से घर में भंडारण किए गए पटाखों और निर्माण के लिए रखे गए विस्फोटक पदार्थों में आग लग गई। तेज धमाकों और धुएं से आस-पास के निवासी दहल उठे। घर का दरवाजा भीतर से बंद होने के कारण लोग तत्काल राहत और बचाव के भी कोई प्रयास नहीं कर सके। घर की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने जान की बाजी लगा कर सोनी और तनु को सुरक्षित बचा कर ऊपर लेकर चले गए। इस दरमियान नीचे कमरे में लगा कर विस्फोट होते रहे। नीचे का पूरा हिस्सा धुएं से भर गया। पड़ोसियों ने घटना की सूचना तुरंत बख्शा थाना पुलिस और अग्निशमन दस्ते को दी। विस्फोट थमने और धुआँ छंटने के बाद मजदूर नीचे उतरे तो देखा आरिफ बुरी तरह से झुलसी अवस्था में मृत पड़ा था जबकि आशिक गंभीर रूप से झुलसा पड़ा कराह रहा था। थानाध्यक्ष शिव शंकर सिंह सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुुंच गए। उन्होंने बुरी तरह से झुलसे आशिक को आनन-फानन उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा। आरिफ के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में ले लिया। अग्निशमन दस्ता थाने पर पहुंचा तो उसे वहीं से वापस लौटा दिया गया क्योंकि तब तक उसके लिए कुछ करने को रह ही नहीं गया था। खबर पाकर रोते-बिलखते मोहम्मद शरीफ और उनकी पत्नी भी घर आ गईं। जिला अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार आशिक के शरीर का 80 फीसदी हिस्सा झुलसा हुआ है। वह जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है।
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