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Saturday, 16 December 2017

मोमिन नमाज और नबी की सुन्नत से हो रहा दूर: मौलाना आरिफ


कलीचाबाद में अंजुमन फैजाने मुस्तफा ने आयोजित किया जलसा

जौनपुर। नमाज मोमिन की मेराज है। नमाज नबी की आंखों की ठंडक है। नमाज किसी भी हालत में माफ नहीं है। इसलिए हर मोमिन का यह फरीजा है की नबी की सुन्नत को अपनाते हुए नमाज की पाबंदी को कायम करें और सुन्नते रसूल पर चलें क्यूं की नमाज एक ऐसी इबादत है जिससे मोमिन गुनाहों से दूर रहता है। उक्त बाते रबिउलऔव्वल के मौके पर मोमिन पूरा कलीचाबाद में आयोजित अंजुमन फैजाने मुस्तफा के मार्फत मुनाक्किद जलसे से खेताब करते हुए बलुआघाट के पेश इमाम हजरत मौलाना आरिफ ने अपनी नूरानी तकरीर में कही।
उन्होंने जल्सये आम से खेताब करते हुए कहा की आज के दौर में मुसलमान खेसारे में पड़ा हुआ है क्यूं की वह नमाज और मसजिदों से दूर होता जा रहा है। अल्लाह और उसके नबी की नाफरमानी कर रहा है और हजरत मोहम्मद स.अ. के नक्शे कदम पर नहीं चल रहा है। मौलाना आरिफ ने आगे कहा की नबी की सुन्नत को छोडऩे की वजह से मुसलमान हर जगह हेकारत की नजरों से देखा जा रहा है। इसलिए आज यह जरुरी है की हर मोमिन नमाज को कायम करे और नबी की सुन्नत को अपनी जिंदगी के साचे में ढाले। जलसे का आगाज हाफिज रेयाज ने तिलावते कलामे पाक से किया। इसके बाद  अंजुमन हैदरिया कलीचा बाद, अंजुमन फैजाने मुस्तफा मोमिन पूरा, अंजुमन इद्रिसिया रौजा अर्जन, अंजुमन हमीदिया अजमेरी, अंजुमन गुलामाने सहाबा ओलन्दगंज ने अपना बेहतरीन कलाम पेश किया। इसके पहले जुलूस में फन सिपाहगिरी के अखाड़ों ने अपने-अपने फन का मुजाहिरा किया। इस मौके पर आकिल जौनपुरी, मोसिन जौनपुरी, हसन जौनपुरी, असीम मछलीशहरी ने अपना कलाम पेश किया। इस मौके पर जल्सये सरपरस्त हाफिज समीउल्लाह, मोहम्मद नईम, कल्लू प्रधान, सलाहुद्दीन, मोहम्मद अशरफ सहित कई लोग मौजूद रहे। आये हुए लोगों का इस्तकबाल कमिटी के सेक्रेटरी इसरार अंसारी ने किया।

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