पूविवि के एचआरडी विभाग में कार्यशाला का आयोजन
जौनपुर। मिजोरम विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन व वाणिज्य संकाय के प्रोफेसर डा. अमित कुमार सिंह ने कहा कि निरंतर संघर्षशील रहने वाला व्यक्ति ही हमेशा सफल रहता है। संघर्ष से ही प्रबंधकीय कौशल व ज्ञान का विकास होता है। वह सोमवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के एचआरडी विभाग में आयोजित एक दिवसीय व्यक्तित्व विकास कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे।

डा. अमित सिंह ने संघर्ष होता क्या है? इसके कारण क्या हैं? यह कितने प्रकार का होता है? आज के भाग-दौड़़ भरे माहौल में हम किस तरह से इसका सामना कर सकते हैं? इस पर कई उदाहरणों के साथ तथ्य रखा कि संघर्ष का मुख्य कारण मनोवैज्ञानिक होता है। विभाग के टे्रनिंग प्लेसमेंट समन्वयक डा. रसिकेश ने प्रो. डा. अमित कुमार सिंह का स्वागत करते हुए विरोधाभासी प्रबंध व हमारा जीवन पर प्रकाश डाला। कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है कि हम अपने स्नायुतंत्रों को नियंत्रित करें और मानव संसाधन विकास की विभिन्न अवधारणाओं को समझें। संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष डा. विक्रमदेव शर्मा ने छात्रों को इस तरह की कार्यशाला के बारे में प्रेरित किया। धन्यवाद ज्ञापन एचआरडी के प्राध्यापक अभिनव श्रीवास्तव ने किया। कार्यशाला में प्रो. डा. अमित कुमार सिंह ने शाश्वत श्रीवास्तव, शेफाली श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार सिंह, आलोक दुबे, अवंतिका, आयशा बानो, आराधना श्रीवास्तव, पवन कुमार यादव आदि छात्रों के साथ रोल प्ले, ग्रुप डिस्कशन व सहज संवाद किया। इस मौके पर डा. वीडी शर्मा, कमलेश मौर्य, डा. आशुतोष सिंह आदि मौजूद रहे।
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