सूखी नहरमें फेंकी गई लाश मिलनेसे सनसनी
नेवढिय़ा थाना के कादीपुर गांव में हुई वारदात
नेवढिय़ा (जौनपुर)। थाना क्षेत्र के कादीपुर दरगाह के पास सूखी नहर में शनिवार की सुबह अधेड़ की हत्या कर फेंकी गई लाश दिखाई पडऩे से सनसनी फैल गई। मृतक की शिनाख्त हो गई। वह पेशे से आटो रिक्शा चालक था। उसके भाई की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात कातिलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुुरु कर दी है। पुलिस ने खोजी कुत्ते की भी मदद ली लेकिन वह कोई खास सुराग नहीं दे सका। हत्या का कारण साफ नहीं हो सका है।
कादीपुर गांव के कुछ लोग सवेरे छह बजे नहर के पास शौच के लिए गए थे। सूखी नहर में अधेड़ की लाश देख उनकी घिघ्घी बंध गई। उसके सिर में गहरे घाव थे और गले पर रस्सी से कसे का निशान था। हल्ला मचते ही मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। नहर के पास ही उसका आटो रिक्शा खड़ा था। घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर शराब की खाली शीशी, गांजा पीने का चिलम, लोहे का रॉड और रस्सी का टुकड़ा पड़ा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि लोहे के राड से ही उसके सिर पर चोट किए गए थे और रस्सी का इस्तेमाल गला घोंटने में किया गया था। सूचना दिए जाने पर मौके पर पहुंची पुलिस को तलाशी के दौरान उसकी जेब से मोबाइल फोन मिला लेकिन उसमें लगा सिम कार्ड नदारद था। जेब से मिले मतदाता पहचान पत्र और बैंक पासबुक से उसकी शिनाख्त हो गई। मृत महेंद्र प्रसाद पटेल (40) पुत्र बृजराज पटेल इसी थाना क्षेत्र के मुंशीपुर (कुत्तूपुर) पडऱांव का रहने वाला था। थानाध्यक्ष रुद्रभान पांडेय की सूचना पर मृतक के परिजन भी आ गए। इसी बीच सीओ मडिय़ाहूं राम भवन यादव भी मौके पर पहुंच गए। परिजन के अनुसार महेंद्र प्रसाद पटेल मडिय़ाहूं-इटाएं मार्ग पर आटो रिक्शा चलाता था। शुक्रवार की शाम को वह घर से आटो रिक्शा लेकर निकला था। रात में नहीं लौटा तो परिजन ने गंभीरता से नहीं लिया क्यों कि यदा-कदा वह बुकिंग मिल जाने पर घर नहीं आता था। परिजन ने सोचा कि कहीं भाड़े पर आटो रिक्शा लेकर गया होगा। सुबह लाश मिलने पर घर मेें कोहराम मच गया। खबर मिलने पर पुलिस अधीक्षक केके चौधरी ने भी पूर्वाह्न आकर घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही मृतक के परिजन से पूछताछ की। परिजन ने किसी से भी किसी तरह की रंजिश होने से इनकार किया। हत्या किसने और क्यों की यही सबसे बड़ी पहेली बन गई है। मृत आटो चालक के छोटे भाई सुरेंद्र पटेल की तहरीर पर पुलिस अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर छानबीन में जुट गई है। छानबीन में मदद के लिए पुलिस ने खोजी कुत्ता बुलवाया। खोजी कुत्ता बुलाया। पास में पड़े एक चप्पल को सूंघने के बाद कुत्ता घटनास्थल से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित मदरसा के पास जाकर रूक गया। अंदेशा जताया जा रहा है कि चप्पल कातिलों में से किसी एक की हो सकती है। पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
कॉल डिटेल से कातिलों तक पहुंच सकती है पुलिस
नेवढिय़ा (जौनपुर)। महेंद्र पटेल के कातिलों तक पहुंचना पुलिस के लिए कोई बहुत मुश्किल नहीं है। इतना तो तय है कि उसकी हत्या किसी पूर्व परिचित ने की है। मौत के घाट उतारने के बाद उसके मोबाइल फोन से कातिलों के सिम कार्ड निकालने से तो यही लगता है। कातिलों ने भले ही चालाकी दिखाते हुए सिम कार्ड निकाल लिया हो लेकिन तो भी पुलिस उन तक पहुंच सकती है। सिम कार्ड निकालने से तो एक बात पूरी तरह साफ हो जाती है कि कातिलों को डर था कि पुलिस सिम कार्ड के जरिए उन्हें दबोच सकती है। पुलिस यदि मृतक की कॉल डिटेल निकालती है तो साफ हो जाएगा कि आखिरी बार उसकी किससे बात हुई थी। हो सकता है कि मोबाइल पर कॉल कर उसे बुलाने के बाद सुनियोजित ढंग से हत्या की गई हो।
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