भुक्तभोगी खाताधारक ने पुलिस अधीक्षक से की लिखित शिकायत
जौनपुर। भारतीय स्टेट बैंक की धर्मापुर शाखा के एक खाताधारक के एकाउंट से जालसाज ने एक ही दिन में 3.31 लाख रुपये उड़ा लिए। भुक्तभोगी ने इसकी लिखित सूचना पुलिस अधीक्षक को दी है। संदेह जताया है कि यह धोखाधड़ी शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से की गई है। पुलिस एफआईआर दर्ज किए बिना मामले की छानबीन कर रही है।धर्मापुर गांव निवासी सतीश चंद्र शुक्ल का उक्त बैंक शाखा में खाता नंबर 33179522565 है। पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में सतीश चंद्र शुक्ल ने अवगत कराया है कि 9 दिसंबर को पूर्वाह्न 11.30 बजे से अपराह्न एक बजे तक मोबाइल फोन नंबर 7283086323, 76722818954 एवं 8674860241 से निरंतर दीपक नाम का एक व्यक्ति कई बार मुख्य प्रबंधक बता कर उनके मोबाइल फोन नंबर 9450344160 पर फोन करता रहा। धमकी दी कि तुम्हारा खाता चार महीने से रोका गया है। इसे बंद कर तुम्हारे खाते का बैलेंस शून्य कर दिया जाएगा। नहीं तो अपने एटीएम कार्ड पर अंकित नंबर बताओ। उक्त जालसाज ने सतीश चंद्र शुक्ल को खुद उनके एटीएम के शुरु के चार नंबर खुद बताए। एटीएम नंबर पूछने के बाद के बाद जालसाज ने कई बार में कर उनके खाते से 3.31 लाख रुपये की खरीददारी कर ली। मोबाइल फोन पर मैसेज आने के बाद सतीश चंद्र शुक्ल को जालसाजी का पता चला। खाते से 3.31 लाख रुपये उड़ जाने से उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने पूरा विवरण के साथ इसकी शिकायत स्टेट बैंक के आंचलिक प्रबंधक वाराणसी, मुख्य शाखा जौनपुर और संबंधित शाखा प्रबंधक से भी की है। बकौल सतीश चंद्र शुक्ल उनके मोबाइल फोन नंबर 9415892124 पर सात दिसंबर को मुख्य प्रबंधक की पांच बार काल आई थी जिसे वह रिसीव नहीं कर सके थे। उनका आरोप है कि मुख्य शाखा प्रबंधक ने चार-पांच महीनों से उनके खाते का परिचालन बंद कर जमा-निकासी पर रोक लगा रखी थी। उन्होंने खाते के संचालन के लिए लोकपाल बैंकिंग कानपुर और अन्य उच्चाधिकारियों को लिखा-पढ़ी की थी। खाते का संचालन बंद होने के बावजूद खाते से इतनी बड़ी रकम की हेरा-फेरी में मुख्य प्रबंधक की भूमिका संदिग्ध नजर आती है।
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