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Sunday 29 October 2017

मैय्यत पर शाहज़ादी की गुरबत बरसती है


अंजुमन जाफरिया की शब्बेदारी में कर्बला के शहीदों को किया गया याद
रातभर चला नौहा व मातम का दौर, मेहमान अंजुमनों ने पेश किये कलाम
जौनपुर। शीराज-ए-हिंद की गंगा जमुनी तहजीब को अपने दामन में समेटे और हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक अंजुमन जाफरिया के तत्वावधान में कर्बला के प्यासे शहीदों की याद किया गया। मखदूम शाह अढऩ स्थित मरहूम कल्लू इमामबाड़ा में शनिवार की रात से शुरू कदीम तरही शब्बेदारी रविवार की सुबह तक चली। शब्बेदारी में देश-विदेश से आये सोगवार ने लगातार मातम कर आंसुओं का नजराना इमाम हुसैन को पेश कर फफक-फफक कर रोते रहे। जलालपुर से आई अंजुमन सज्जादिया ने नौहा ..मैय्यत पर शाहज़ादी की ग़ुरबत बरसती है... पढ़ा तो मौजूद मातमदारों की आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस आल इंडिया शब्बेदारी में जहां दर्जनों अन्जुमनों ने मातम किया वहीं सभी वर्ग के शायरों ने बारगाहे इमाम में कलाम पेश कर देश की एकता अखंडता की डोर को और मजबूत किया।
शब्बेदारी की मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना ज़मीर हैदर ने कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने जो कर्बला में शहादत दी है। उसकी आज तक कहीं कोई मिसाल नहीं है। उन्होंने कहा कि शिया मुसलमानों के जन्म का मकसद ही इमाम हुसैन की शहादत पर आंसू बहाना है। शिया वर्ग के लोग इमाम हुसैन की मां फातिमा जेहरा की तमन्ना हैं। मजलिस की सोजख्वानी समर रजा वा अफरोज रजा ने किया। पीसी विश्वकर्मा, शोला जौनपुरी, नातिक गाजीपुरी, तनवीर जौनपुरी आदि शायरों ने शब्बेदारी की तरह पे अपने कलाम पेश किए। प्रदेश के कई जनपदों से आयी अन्जुमनों में मुख्य रूप से मुहाफिज-ए-अजा कदीम इलाहाबाद, सज्जादिया नगपुर जलालपुर, हैदरी वाराणसी, हुसैनिया मऊ, मासूमिया फैज़ाबाद, जि़न्तुल इमाम बाराबंकी ने नौहा व मातम किया। शब्बेदारी की अंतिम तकरीर को मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने खेताब करते हुए कर्बला के दिलसोज मंजर को ऐसा बयां किया कि चारों ओर से लोग चीख-पुकार करने लगे। इसके बाद शबीह अलम व ताबूत निकला। अंत में अंजुमन जाफरिया के अध्यक्ष एवं शिया कालेज के प्रबंधक नजमुल हसन नजमी व महासचिव वसीम हैदर ने सभी मातमी अन्जुमनों व अजादारों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेहंदी, मिर्जा जावेद सुल्तान, अफसर हुसैन अनमोल, अजीज हैदर हेलाल, हसनैन कमर दीपू , आरिफ हुसैनी, कमर भाई, डॉ. राहिल, बशीर खां, मीनू, बीका, मोनू, ताबिश जैदी, एसएम जैदी के साथ भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे मौजूद रहे।

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