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Saturday 15 September 2018

कमज़ोर की मदद करना चाहिए वो किसी भी धर्म का हो दाख्खिन पट्टी रन्नो के इमामबाड़े से बोले एस एम मासूम

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  कमज़ोर की मदद करना चाहिए वो किसी भी धर्म का हो दाख्खिन पट्टी रन्नो के इमामबाड़े से बोले एस एम मासूम

जौनपुर :मुहर्रम के महीने में शोकसभाएं पैगम्बर ऐ इस्लाम हज़रत मुहम्मद ने नवासे और मुसलमानो के खलीफा हज़रत अली के बेटे इमाम हुसैन की शहादत को याद करके मनाई जाती है | इस बार इस एम् मासूम अपने वतन जौनपुर में हैं और अलग अलग इमामबाड़ों से इमाम हुसैन का अमन का भाईचारे का पैगाम दुनिया तक पहुंचा रहे हैं | कभी बड़े इमाम गूलर घाट तो अभी कारंजा खुर्द तो कभी रन्नो |

मुहर्रम की तीसरी को दाख्खिन पट्टी रन्नो के इमामबाड़े  में शोक सभा (मजलिस ) हुयी जिसमे आस पास के साथ गांव के लोग थे | इस मजलिस  को ज़ाकिर ऐ अहलेबैत इतिहासकार और सोशल मीडिया के जानकार एस एम् मासूम ने खिताब किया और लोगों को बताया की दुनिया का हर इंसान जो कमज़ोर है चाहे किसी भी धर्म का हो इस्लाम कहता उस पे रहम करो उसकी मदद करो | जिस हुसैन ने प्यास की हालत में दुश्मन के साथ साथ उसके जानवरों को भी पानी पिलाया उसी हुसैन को कर्बला में तीन दिन का प्यासा शहीद किया गया |


मजलिस के बाद इमाम हुसैन के भाई हज़रात अब्बास का अलम और तुर्बत निकली और अंजुमनों ने नौहा मातम किया साथ में तबल की आवाज़ से हुसैनी पैगाम की विजय का ऐलान हुआ |
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Thursday 31 May 2018

पत्रकारिता दिवस पे ख़ास वेब पे और सशक्त प्लेटफॉर्म की तलाश करें एस एम् मासूम

इंटरनेट से पत्रकारिता को मिला नया आयाम जैसी गोष्ठियां आज जौनपुर जैसे शहर में होने लगी हैं जिसे देख के बड़ी ख़ुशी हुआ करती है | ख़ुशी इस लिए भी होती है की जौनपुर के लोग मुझमे उस शख्स को देखते हैं जिसने जौनपुर के पत्रकारों को वेब न्यूज़ पोर्टल के प्रति जागरूक किया और जब कुछ पत्रकारों ने इसी कामयाबी के साथ अपनाया तो मुझे जौनपुर में वेब न्यूज़ पोर्टल के जनक और भीष्म पितामह जैसी पहचान मिली | अब इस पत्रकारिता दिवस पे मैं ही अपनी क़लम न चलाउ तो यह ना इंसाफ़ी होगी | 

अभी सात आठ वर्ष पहले की बात है की वेब न्यूज़ पत्रकारिता के प्रति यहां के पत्रकार जागरूक नहीं थे | मैंने २०११ से यह कोशिश शुरू कर दी की यहां के पत्रकारों को जा जा के बताता था की वेब न्यूज़ पोर्टल अगर चलाओगे तो आज़ाद पत्रकार की हैसियत से पहचाने जाओगे और इसी में रोज़गार के नए  अवसर मिलेंगे | यह वो दौर था की मेरे जागरूक करने पे अक्सर लोग यह सोंचते थे की मैं कुछ ऐसा करने को कह रहा हूँ जिसमे मेरा फायदा होगा इसलिए लोग इज़्ज़त देते और सुन लेते लेकिन फिर भूल जाते |  मैंने २०१२ में जागरूक करने के लिए एक पत्रकार का वेबपोर्टल मुफ्त में बना के दिया जो  आज भी चल रहा है लेकिन वो उसे उस तरह से नहीं चला सके की वो कोई अपनी पहचान बना पाता | 

लेकिन २०१३ में  एक दिन जौनपुर पत्रकार जगत के गुरु  कहे जाने वाले पत्रकार राजेश श्रीवास्तव से मुलाक़ात हो गयी और ये पहले पत्रकार थे जिन्होंने वेब न्यूज़ पत्रकारिता की अहमियत को पहचाना और इसी के साथ मेरी वेबसाइट बनाने की और अंतरजाल पे फैलाने की तकनीकी जानकारी और राजेश श्रीवास्तव की पत्रकारिता ने जौनपुर को पहला कामयाब वेब न्यूज़ पोर्टल शीराज़ ऐ हिन्द डॉट कॉम दिया और मुझे वेब न्यूज़ पत्रकारिता के जनक और भीष्म पितामह जैसी पहचान मिली | आज भी ये  न्यूज़ पोर्टल  जौनपुर का सबसे तेज़ और अधिक पढा  जाने वाला न्यूज़ पोर्टल है | .राजेश श्रीवास्तव की कामयाबी को देखते ही मेरे पास अनगिनत फ़ोन आने लगे और हर पत्रकार इस बात को लेकर बेहद उत्साहित दिखने लगा की उसका भी अपना वेबपोर्टल बने लेकिन इस न्यूज़ वेब पोर्टल को चलाने के लिए तकनीकी जानकारी और इसे अंतरजाल पे तेज़ी से फैलाने की कला आनी चाहिए और पत्रकारिता के उसूल की जानकारी के साथ साथ क़लम में  ताक़त भी होनी  चाहिए |   

इसके बाद मैंने बहुत से वेबपोर्टल बनाय और अब तक जौनपुर आस पास में लगभग ३८-४० पोर्टल बनाय जिनमे से कुछ बंद हुए कुछ कामयाबी से चल भी रहे हैं | जैसे रवि शंकर वर्मा और आरिफ हुसैनी के न्यूज़ पोर्टल | इसके बाद तो लोगों में वेब पोर्टल बनाने की तकनीकी जानकारी हासिल करने और अपना पोर्टल बनाने की होड़ सी लग गयी और बहुत से पत्रकारों ने अपनी सुविधा अनुसार खुद से या किसी दुसरे के सहयोग से वेब पोर्टल भी बनाने शुरू किये जो आज भी कामयाबी के साथ चल रहे है जिसमे अंकित,कमर हसनैन दीपू, ,दीपक सिंह इत्यादि बहुत से नाम हैं | 

जौनपुर में जब वेब पत्रकारिता पे कोई गोष्टी होती हो और जौनपुर में वेब न्यूज़ पत्रकारिता का जन्म कब और कैसे हुआ और किन किन लोगों की मेहनत ने पत्रकारिता को विश्व की तरह जौनपुर में एक पहचान दी इसकी चर्चा यदि न हो तो इसे ना इंसाफ़ी कहा जायगा | गोष्टीयो का मक़सद केवल चर्चा तक सीमित ना रहे बल्कि पत्रकारों को प्रोत्साहित ही करता रहे तो उचित होगा |

वेब न्यूज़ पत्रकारिता जौनपुर में अभी अपनी युवा अवस्था तक भी नहीं पहुंची है और पत्रकार इतनी कामयाबी में ही सतुष्ट नज़र आने लगे हैं यह देख के थोड़ा दुःख अवश्य होता है लेकिन साथ साथ आशा भी है की समय इनको आगे बढ़ने की राह खुद देता चला जायगा | मैं यह नहीं चाहता की जैसे वेब न्यूज़ पत्रकारिता को जौनपुर आने में दुनिया के मुक़ाबले में १० वर्ष लग गए उसी तरह इसे जवान होने में भी समय लगे | 

जो लोग वेब न्यूज़ पोर्टल जौनपुर में चला रहे हैं उन्हें चाहिए और वेब पे और सशक्त प्लेटफॉर्म की तलाश करें और केवल सोशल मीडिया पे शेयर करने तक सीमित ना रहे और हर दिन ख़बरों के कॉपी पेस्ट से अलग अपनी क़लम का जादू दिखाते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाते रहे वरना वेब न्यूज़ पोर्टल की भीड़ में एक दिन  खो जाएंगे | 

...........एस एम् मासूम 
S.M.Masoom
Cont:9452060283

Saturday 13 January 2018

पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह का निधन

जिले की राजनीति का ढह गया एक मजबूत स्तंभ

रामघाट पर पूरे सम्मान के साथ की गई अंत्येष्टि 

जौनपुर। जिले की राजनीति का एक मजबूत स्तंभ शनिवार को ढह गया। कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह का शनिवार को सवेरे निधन हो गया। उन्होंने वाराणसी के ए
क निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। सायंकाल उनके पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि रामघाट पर की गई।
लगभग 84 वर्ष के कमला प्रसाद सिंह पिछले कई महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। करीब एक सप्ताह पहले हालत बिगडऩे पर उन्हें परिजन ने वाराणसी के एक प्राइवेट हास्पिटल में भरती कराया था। वहीं सवेरे आठ बजे उनका देहांत हो गया। उनके निधन की खबर लगते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके शहर के हुसेनाबाद मोहल्ला स्थित आवास पर संवेदना जताने के लिए लोगों का तांत लग गया। बदलापुर तहसील क्षेत्र के शाहपुर सानी गांव में 10 अक्टूबर 1934 को पैदा हुए कमला प्रसाद सिंह शिक्षा ग्रहण करने के बाद युवावस्था में ही कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति के जरिए समाजसेवा में जुट गए। सन 1977 में विधान सभा चुनाव में जनता पार्टी की लहर में तमाम वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी को दरकिनार कर पार्टी नेतृत्व ने उन्हें जौनपुर सदर सीट से प्रत्याशी बनाया। उन्होंने शानदार जीत दर्ज की। सन 1980 में वह लगातार दूसरी बार सदर सीट से विधान सभा के लिए चुने गए। 1984 में वह जौनपुर संसदीय सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। संसदीय कार्यकाल के दौरान वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी स्टेडियम, राजकीय कताई मिल, जवाहर नवोदय विद्यालय, राजकीय आईटीआई जगदीशपुर, वन विहार की स्थापना कराने और वाराणसी-लखनऊ इंटरसिटी वरुणा एक्सप्रेस चलवाने के लिए उन्हें विकास पुरुष कहा जाता था। सन 2000 में सूबे के तत्कालीन राज्यपाल सूरजभान ने उन्हे पूर्वांचल रत्न की उपाधि से सम्मानित किया था। वह श्री बजरंग इंटर कालेज घनश्यामपुर के प्रबंधक के साथ ही साथ श्री बजरंग महाविद्यालय घनश्यामपुर और आईटीआई कालेज घनश्यामपुर के संस्थापक प्रबंधक थे। इसके अलावा वह कई अन्य शिक्षण संस्थानों से जुड़े रहे।
आजीवन कांग्रेस के प्रति निष्ठावान और समर्पित रहे कमला प्रसाद सिंह बाद में जिला परिषद के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के करीबी रहे कमला प्रसाद सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे। दोपहर करीब 12 बजे वाराणसी से
उनका पार्थिव शरीर हुसेनाबाद स्थित आवास पर पहुंचा तो अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। सांसद डा. कृष्ण प्रताप सिंह केपी, प्रतापगढ़ के अपना दल के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री मल्हनी के विधायक पारस नाथ यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष राज बहादुर यादव, एमएलसी बृजेश कुमार सिंह प्रिंसू, मडिय़ाहूं की अपना दल की विधायक डा. लीना तिवारी, पूïर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक हाजी अफजाल अहमद, शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष साजिद हमीद सहित विभिन्न दलों के नेताओं, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों और शिक्षाविदों ने उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर प्रियंका प्रियदर्शिनी ने पार्थिïव शरीर पर पुष्प गुुच्छ भेंट कर नमन किया। थानाध्यक्ष लाइन बाजार मिथिलेश मिश्र ने माल्यार्पण कर सलामी दी। तीसरे पहर फूल-मालाओं से सुसज्जित वाहन पर पार्थिव शरीर रखा गया। रामघाट पर उनके पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि की गई। मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र विनय कुमार सिंह ने दी। अंतिम संस्कार के समय घाट पर मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने सांसद का शोक संदेश पढ़कर तथा उनकी तरफ से पुष्प चक्र विजय शंकर उपाध्याय ने अर्पित किया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व विधायक लाल बहादुर यादव, प्रो. देवेश उपाध्याय, रामचन्द्र मिश्र, चन्देश मिश्र, डा. मंगल मिश्र, देवानन्द मिश्र, सौरभ शुक्ल, देवेन्द्र बहादुर सिंह, कामरेड जयप्रकाश सिंह, बसपा नेता जेपी सिंह, सत्यवीर सिंह, कमला प्रसाद तिवारी, फैसल हसन तबरेज, चन्द्रशेखर, छोटेलाल यादव, माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह, दयासागर राय, संजय चतुर्वेदी, अखिलेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

Monday 1 January 2018

दगाबाज आशिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज



पिता और भाई-बहन भी आरोपित, छानबीन जारी  
   मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। थाना पुलिस ने शादी का झांसा देकर सात माह तक यौन शोषण करने का आरोपी युवक और उसके परिजन के खिलाफ सोमवार को विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। खबर लिखे जाने तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
   पड़ोसी जिले गाजीपुर के शादियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव की दलित वर्ग की युवती ने स्थानीय थाने में रविवार को तहरीर दी। युवती के मुताबिक उसकी बहन की शादी में बाराती के तौर पर आए मादरडीह गांव के दिनेश कुमार पटेल से उसकी मित्रता हो गई। दोनों मोबाइल फोन पर बात करने लगे। प्यार परवान चढ़ता गया। गत 25 अप्रैल 2017 को दिनेश उसके गांव पहुंच गया। शादी करने का झांसा देकर उसके कानपुर भगा ले गया जहां दोनों पति-पत्नी के तौर पर रहने लगे। यौन शोषण के कारण गर्भ ठहर जाने पर मेरी इच्छा के विपरीत 18 सितंबर 2017 को एक क्लीनिक में ले जाकर गर्भपात करा दिया। इसके बाद 29 सितंबर को मुझे इलाहाबाद लेकर आया। वहां से शादी करने का आश्वासन देकर मुझे घर भेज दिया। कुछ दिन बाद मैं फिर कानपुुर गई तो दिनेश के पिता राम आसरे, भाई शेखर पटेल, राज पटेल और बहन अनीता पटेल ने मेरी और दिनेश पटेल की शादी का नोटरी हलफनामा छीन लिया। फिर छह दिसंबर को मुझे और मेरे परिवार के लोगों को इलाहाबाद बस स्टेशन पर बुलाया। वहां जाति सूचक गालियां देते हुए चाकू व रिवाल्वर से भयभीत कर सुलहनामा लिखाने का प्रयास किया। मेरे शोर मचाने पर और यूपी-100 पर सूचना देकर पुलिस बुलाने पर सभी भाग गए। घटना की सूचना लिखित रूप से थाना सिविल लाइन्स इलाहाबाद में दी गई। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर दिनेश के पिता राम आसरे ने दिनेश के साथ शादी कराने का लिखित समझौता किया। इसके बाद मुझे कुछ दिन के लिए फिर घर चले जाने को कहा। इनकार करने पर धमकी देने लगे कि तुम्हें जो करना हो कर लो। शादी नहीं की जाएगी। थानाध्यक्ष के के मिश्र ने बताया कि तहरीर के आधार पर नामजद किए गए आरोपियों के खिलाफ धारा 366, 376, 313, 506 एवं दलित उत्पीडऩ निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 

धर्म दर्शन

 
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