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Wednesday 25 October 2017

हमले में गोलियों से घायल बसपा नेता की मौत


पूर्व जिला पंचायत सदस्य तौहीद आलम पर 11 दिन पहले हुआ था हमला

भाऊपुर और गोपालापुर में नहीं खुलीं दुकानें, कई चौकसी के बीच शव दफन 

नेवढिय़ा (जौनपुर)। हमलावरों की गोली से घायल पूïïर्व जिला पंचायत बसपा नेता तौहीद आलम ने बुधवार को तड़के उपचार के दौरान दिल्ली के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। मौत की खबर लगते ही पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। शांंति भंग की आशंका से पुलिस प्रशासन तुरंत हकरत में आ गया। गृह गांव भाऊपुर और गोपालापुर में एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं। पिछले पखवारे हुई इस सनसनीखेज घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। रात नौ बजे गांव के कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्हें सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
भाऊपुर गांव निवासी तौहीद आलम (50) बीते 14 अक्टूबर की रात में रामपुर थाना क्षेत्र के गोपालापुर बाजार स्थित अपने कार्यालय से बाइक से घर लौट रहे थे। गोपालापुर तिराहे पर करीब नौ बजे बाइक सवार घात लगाकर पीछा कर रहे दो हमलावरों ने उन्हें लक्ष्य कर ताबड़तोड़ कई गोलियां चलाईं। पेट में दो गोली लगने से वह लहूलुहान होकर बाइक सहित गिर गए। उन्हें उपचार के लिए वाराणसी ले जाकर भर्ती कराया गया। घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव की सुगबुगाहट ने जिला प्रशासन को हलाकान कर दिया। कई दिन पुलिस की कड़ी चौकसी के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी। इसी बीच, मंगलवार को हालत नाजुक हो जाने पर डाक्टरों ने दिल्ली ले जाने की सलाह दी। परिजन एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली ले गए और एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान बुधवार को तड़के दो बजे उनकी सांसें थम गईं। सवेरे मौत की खबर आते ही इलाके में इलाके में माहौल फिर गरमाने लगा। गोपालापुर और भाऊपुर में एक भी दुकान नहीं खुली। पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। जिला पुलिस प्रशासन ने मौके की नजाकत देखते हुए भाऊपुर, गोपालापुर और आस-पास के अन्य इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पीएसी के सशस्त्र जवानों की तैनाती कर दी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं। इस मामले में चार नामजद और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे की धारा को पुलिस प्रशासन हत्या में तब्दील कर रहा है। अब तक किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीण धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। उनका शव देर शाम करीब साढ़े सात बजे गांव में पहुंचा। शव आते ही पुलिस और भी मुस्तैद हो गई। सर्किल के थानों के अलावा कई अन्य थानों की पुलिस बुला ली गई। रात नौ बजे शव गांव के कब्रिस्तान में दफन किए जाने के बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।

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