BREAKING NEWS

Saturday 23 September 2017

जौनपुर इमामबाड़ा बड़े इमाम से मुहर्रम की शोक सभाएं शुरू |

इस्लाम अमन और शांति का पैगाम देता है | 


जब मुहर्रम आता है हुसैन को चाहने वाले अलम ताजिया लिए नौहा मातम करते पूरी दुनिया में दिखने लगते हैं | यह अपने अपमे एक चमत्कार है की कर्बला का वाकेया जहां पैगम्बर ऐ इस्लाम हजरत मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को ज़ालिम यजीद की फ़ौज ने शहीद किया इसे आज १380 हो चुके है फिर भी इमाम हुसैन  के चाहने वाले इसे ऐसे मनाते है जैसे यह अभी कल की ही बात हो |

इमाम हुसैन (अ.स) का ग़म जौनपुर में बड़े जोश से मनाया जाता है जिसमे हिन्दू मुसलमान शिया सुन्नी सभी शामिल हुआ करते हैं | शिया मुसलमान अपने घरों में अपने इमामबाड़ों में चाँद रात को ही ताजिया आलम सजा देते हैं और दस दिनों तक मजलिसें (शोक सभाएं ) किया करते हैं |

इस वर्ष हर साल की तरह गूलर घाट स्थित इमामबाड़ा बड़े इमाम में जनाब जीशान जैदी साहब ने शोक सभाएं (मजलिस ) आयोजित किया जिसमे जौनपुर के मशहूर इतिहासकार ,ब्लॉगर और इस्लाम के जानकार एस एम् मासूम अपने विचार पेश कर रहे हैं | आज पहली मुहर्रम को जनाब एस एम् मासूम साहब ने बताया हम शोक सभाएं इसलिए मनाते हैं की दुनिया को हम बता सकें की इस्लाम में ज़ुल्म करने वाला यजीद कहलाता है जो चाहे खुद को खलीफा कहे लेकिन मुसलमान उसे नहीं मानते बल्कि कह लें की धिक्कारते हैं |


इस्लाम अमन और शांति का पैगाम देता है और इसमें हथियार केवल अपनी हिफाज़त के लिए उठाया जा सकता है आगे बढ़ के किसी पे हमला नहीं किया जा सकता | इसी लिए हमारे इमामबाड़ों में हर कौम हर धर्म के लोगों को बुलाया जाता है और उन्हें भाईचारे का पैगाम दिया जाता है | इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिसमे पडोसी चाहे वो किसी भी धर्म का हो भूखा हो तो उसे खिलाय बिना खुद नहीं खा सकता मुसलमान |


मुसलमानों ने पहली मुहर्रम को जो ताजिया सजाया था  उसे तो 10 मुहर्रम जिसे आशूरा भी कहते हैं ,के दिन दफन कर दिया जाता है लेकिन दो महीने आठ दिन तक यह इमाम हुसैन का दुःख मनाया जाता है  | इन दिनों में मुसलमान काले कपडे पहने दुनिया के  हर देश की तरह जौनपुर में भी नज़र आयेगे| जगह जहग शब्बेदारी, जुलुस अज़ादारी ,मजलिस का सिलसिला इन दो महीने आठ दिन तक चलता रहता है जिसमे बहुत से ख़ास दिन जैसे आशूरा, इमाम का दसवां, चौबीसवां,चालीसवां,28 सफ़र इत्यादि ख़ास होते हैं |

एस एम् मासूम इस इमामबाड़े से अमन का ,भाईचारे का ,इंसानियत का पैगाम पूरे सप्ताह हर दिन देंगे और ज़ालिम यजीद ने जो ज़ुल्म इस्लाम के पैगम्बर हजरत मुहम्मद पे किये उसे दुनिया तक पहुंचाएंगे जिस से समाज में अमन और शांति कायम रहे |

Post a Comment

धर्म दर्शन

 
Copyright © 2017 आज प्रभात